Sunday, December 26, 2010

॥ तेरे काँटों से भी प्यार ॥


तेरे काँटों से भी प्यार,
तेरे फूलों से भी प्यार।
जो भी देना चाहो दे दो,
हे जग के पालनहार॥

तेरी धूप से भी प्यार,
तेरी छाँव से भी प्यार।
चाहे धूप से झुलसा दो,
या छाँव की शीतलता दो।
जैसा करना चाहो कर दो,
हे जग के पालनहार॥

तेरे गमों से भी प्यार,
तेरी खुशीयों से भी प्यार।
चाहे गमों की दो बोछार,
या खुशीयों की दो बहार।
जो भी देना चाहो दे दो,
हे जग के पालनहार॥

तेरे विरह से भी प्यार,
तेरे मिलन से भी प्यार।
चाहे विरह की दो प्यास,
या मिलन की दो आस।
जो भी देना चाहो दे दो,
हे जग के पालनहार॥

तेरे चरणों से भी प्यार,
तेरे संसार से भी प्यार।
चाहे पहुँचा दो परली पार,
या छोड़ दो मझधार।
जैसा करना चाहो कर लो,
हे जग के पालनहार॥