Wednesday, February 2, 2011

॥ जब कान्हा ही हमारा होगा ॥


जीवन के हर पल में,
प्रभु नाम का सहारा होगा,
जग में किसी के लिये,
कभी कोई पराया न होगा।

सभी के मन के आंगन में,
चांदनी का प्रकाश होगा,
तब एक दिन ऎसा होगा,
जब कान्हा ही हमारा होगा॥

हमेशा दूसरों के लिये हमें,
मोतीयों को चुनना होगा,
हर दिल को हमेशा हमें,
प्रेम जल से सींचना होगा।

काम मुश्किल हमें लगेगा,
मगर फिर भी करना होगा,
तब एक दिन ऎसा होगा,
जब कान्हा ही हमारा होगा॥

अपने दिल को प्रेम दीप से,
हर पल प्रकाशित करना होगा,
किसी के भी दिल में तब,
अज्ञान का अंधकार न होगा।

सभी की आँखों में केवल,
मुहब्बत का सितारा होगा,
तब एक दिन ऎसा होगा,
जब कान्हा ही हमारा होगा॥

रात के सन्नाटे में यह दिल,
तन्हाई का मारा न होगा,
दुश्मन भी इस दिल में हमें,
अपना मित्र लग रहा होगा।

तन की हर एक श्वांस में,
कृष्णा का नाम रम रहा होगा,
तब एक दिन ऎसा होगा,
जब कान्हा ही हमारा होगा॥