Tuesday, February 8, 2011

॥ बोलो राधे-राधे श्य़ाम ॥


श्य़ाम-राधे कोई ना कहता,
कहते सभी राधे-श्य़ाम।
जन्म-जन्म के भाग जगा दे,
राधा का एक नाम॥

राधा बिना श्य़ाम है आधा,
गाते रहना राधे-श्य़ाम।
बोलो राधामाधव गिरधारी,
बोलो राधे-राधे श्य़ाम॥

बिन माला जैसे मोती,
बिन दीपक जैसे ज्योति।
चंदा बिना चाँदनी कैसी,
बिन सूरज धूप न होती॥

बिन राधा कहाँ है पूरा,
नटवर नागर का नाम।
बोलो राधारमण बिहारी,
बोलो राधे-राधे श्य़ाम॥

बिन जल के जैसे धारा,
बिन नदी के जैसे किनारा।
साथ जैसे नील गगन के,
सूरज चंदा और है तारा॥

बिन राधा के है अधूरा,
मन वृंदावन भक्ति धाम।
बोलो राधेगोविन्द गोपाल,
बोलो राधे-राधे श्य़ाम॥

राधा नाम भुलाय़ा जिसने,
उसने अपना जन्म गंवाया।
धन्य-धन्य है वाणी उसकी,
जिसने राधा नाम है गाया॥

बिन राधा सुमिरन किये,
नहीं मिलते घनश्याम।
बोलो राधाबल्लभ लाल,
बोलो राधे-राधे श्य़ाम॥